Wednesday, November 23, 2016

Pharmacology & Therapeutics of Coleus forskohlii (गाण्डीर)

Pharmacology & Therapeutics of Coleus forskohlii (गाण्डीर)



गाण्डीर
(Coleus forskohlii)


1999 के उत्तरार्ध में, जम्मू में Internet का आगमन क्या हुआ, मानो हमारे लिए विश्वस्तरीय ज्ञान-सागर की खिड़की खुल गई ।

हमारी स्थिति, बहुत प्रयास करने पर इक्का-दुक्का चाॅकलेट प्राप्त करने वाले उस नन्हें शिशु सरीखी थी, जिसे अनायास चॉकलेट्स का एक अम्बार हाथ लग गया हो।
हम लोग रात-दिन, जैसे ही समय मिलता, इन्टरनैट पर सर्फ़िंग करते तथा आयुर्वेद, स्वास्थ्य, व विज्ञान से सम्बद्ध दुर्लभ ज्ञान की प्राप्ति हेतु जुट जाते ।

ऐसे ही खोजबीन के दौरान एक दिन हमें एक ऐसी उद्भिज्ज औषधि (Medicinal herb) की जानकारी मिली, जिस पर विश्व स्तर पर पुष्कल शोध हुई थी, तथा जिसे अनेकों व्याधियों की चिकित्सा में उपयोगी सिद्ध किया गया था।

उस औषधि का नाम था -

"COLEUS FORSKOHLII"


हमारे आनन्द का ठिकाना न था।
तत्काल, हम लोगों ने उस औषधि का आयुर्वेद में वर्णन ढूँढना आरम्भ किया, मगर जान कर हमें गहरा कष्ट हुआ कि इस नाम वाली किसी औषधि का कोई वर्णन आयुर्वेद में उपलब्ध न था।

'क्या किया जाए?' मैंने डाॅ. बृजबाला जी से उद्विग्न मन से प्रश्न किया।
स्वभाव से अत्यल्प-भाषी, डा. बृजबाला जी ने लम्बी देर तक चिन्तन किया।
मैं उनके आनन पर आते जाते भावों को देखता रहा।

'अपने ड्रग सप्लायर से इस विषय पर बात करते हैं', उन्होंने एक दीर्घ अन्तराल के बाद अनमना सा उत्तर दिया । 'सम्भव है वह Coleus forskohlii की उपलब्धता के बारे में कुछ बताए।
लपक कर मैंने फोन का रिसीवर उठाया, सप्लायर का नम्बर मिलाया, व उसके फोन उठाते ही सीधा प्रश्न किया, 'Coleus forskohlii का extract सप्लाई कर सकते हैं क्या?'

'हाँ', दूसरी ओर से उत्तर आया।
'ठीक है, एक किलो भेजा दीजिए, ज़ल्दी', और मैंने फोन रख दिया।
एक सप्ताह में पार्सल आ गया ।

हमने निर्धारित मात्रा में, निर्दिष्ट रोगों में, उस अधिकार की औषधियों के संग, Coleus forskohlii के extract का उपयोग आरम्भ कर दिया।

ये रोग हैं -
  • Heart failure (हृद्दौर्बल्य)
  • Hypothyroidism (समान-वायु-क्षय)
  • Osteoarthritis (सन्धिवात / सन्धिक्षय)
  • Bronchial asthma (तमकश्वास)
  • Hypertension (व्यान-वैषम्य)
इत्यादि ।


Coleus forskohlii का पार्सल आने तक हम लोगों ने इस औषधि की कार्यशैली का गहन अध्ययन इंटरनैट पर कर लिया था।
उपलब्ध ज्ञान कहता था कि Coleus forskohlii में विद्यमान Forskolin नामक क्षाराभ (Alkaloid) कोषाणुओं (Cells) में Adenylate cyclase की क्रियाशीलता बढ़ाते हुए, उनमें cAMP की मात्रा में वृद्धि करती है।

cAMP कोषाणुओं के भीतर महत्वपूर्ण द्वितीय संदेशवाहक (Second messenger) है। इससे कोषाणु, hormones व अन्य बाहरी संकेतों को यथेष्ट दैहिक प्रतिक्रया (Biological response) देते हैं, जिससे देहान्तर्गत विभिन्न संस्थानों (Systems) व अंगावयवों में निम्न प्रकार के कार्य सम्पादित होते हैं -

  • बढ़ा हुआ रक्त-दाब धीरे-धीरे कम होता है;
  • दुर्बल हृद्-मांस-धातु की शक्ति बढ़ती है;
  • उदान-वायु (Hypothalamic-pituitary system) में साम्यता लाते हुए क्षीण समान-वायु (thyroid hormones) को साम्यावस्था में लाने (बढ़ाने) का कार्य होता है;
  • धातु-क्षय (Degeneration) की गति को कम करते हुए धातु-वृद्धि (Regeneration) करने में सहायता करता है;
  • संकुचित श्वास-नलिकाएं विस्फारित होती हैं, इत्यादि ।

उन्हीं दिनों एक सुखद समाचार मिला कि भारत सरकार के Ayurvedic Pharmacopoeia में संदिग्ध द्रव्यों के नामकरण की प्रक्रिया में Coleus forskohlii को आयुर्वेद में वर्णित 'गाण्डीर' नाम दे दिया गया है ।

फिर क्या था? उपरोक्त कर्मों के आधार पर हमने Coleus forskohlii (गाण्डीर) को निम्न प्रकार से विभिन्न रोगों की चिकित्सा के लिए प्रयुक्त करना आरम्भ कर दिया:

1. Bronchial asthma (तमकश्वास) की चिकित्सा के लिए:

ASTHEX Tablet
  • आन्तमूल (Tylophora asthmatica)
  • दुग्धिका (Euphorbia thymifolia)
  • अर्क (Calotropis gigantea)
  • गाण्डीर (Coleus forskohlii)

2. Hypothyroidism (समान-वायु-क्षय) की चिकित्सा के लिए:

THYRIN Tablet
  • ब्राह्मी (Baroda monnieri)
  • गुग्गुलु (Commiphora mukul)
  • पिप्पली (Piper longum)
  • रक्त-मरिच (Capsicum frutescence)
  • गाण्डीर (Coleus forskohlii)

3. Osteoarthritis (सन्धिवात / सन्धिक्षय) की चिकित्सा के लिए:

CARTOGEN Tablet
  • अश्वगंधा (Withania somnifera)
  • शिलाजतु (Asphaltum)
  • मण्डूकपर्णी (Central asiatica)
  • यशद (Zinc)
  • गाण्डीर (Coleus forskohlii)

4. Heart failure (हृद्दौर्बल्य) की चिकित्सा के लिए:

CARDITONZ Tablet
  • अर्जुन (Terminalia arjuna)
  • ज़हरमोहरा
  • अकीक
  • वनपलाण्डु (Urginea indica)
  • गाण्डीर (Coleus forskohlii)

कहने की आवश्यकता नहीँ कि
Coleus forskohlii का गाण्डीर के रूप में औषध-योगों में समावेश करते ही उनकी कार्मुक्ता बहुत बढ़ गई थी।


निश्चित रूप से Coleus forskohlii का गाण्डीर के रूप में नामकरण आयुर्वेद व वैद्य समाज के लिए एक वरदान सिद्ध हो रहा था।



डाॅ.वसिष्ठ
Dr. Sunil Vasishth
M. + 91-9419205439
Email : drvasishthsunil@gmail.com
Website : www.drvasishths.com

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