Friday, December 9, 2016

परिणाम-उन्मुखी आयुर्वेद चिकित्सा (Result-oriented Ayurveda Treatment) - 1 :

कुछ आवश्यक सुझाव



प्रिय युवा चिकित्सक,
नमस्कार! 

आयुर्वेद चिकित्सा क्षेत्र में, मैं आपका हृदय से स्वागत करता हूँ।

यह आपका परम सौभाग्य है कि आप विश्व के एक महान जीवन विज्ञान - आयुर्वेद - के माध्यम से मनुष्य जाति के स्वास्थ्य की रक्षा व रोगों की चिकित्सा कर रहे हैं।

इसके लिए मैं आपको हार्दिक बधाई देता हूँ।

इस काम में, आपके सामने आने वाली चुनौतियों व समस्याओं तथा उनसे आपको होने वाली चिन्ता से मैं अच्छी तरह से परिचित हूँ।  

मैं आपको यह विश्वास दिलाता हूँ कि मुझसे जितना बन पाएगा मैं आपकी भरपूर सहायता करुँगा व लगभग तीस वर्षों की हमारी (मेरी पत्नी डाॅ. बृजबाला वसिष्ठ जी व मेरी) क्लीनिकल प्रैक्टिस में हुए अनुभवों को लगातार आपके साथ शेयर करते हुए प्रयास करुँगा कि आप एक सफल आयुर्वेद चिकित्सक बन सकें । 
इसी सिलसिले में मैं आपके लिए एक नई लेखमाला शुरु कर रहा हूँ - 


Dr.Vasishth's U-CAP for Young Ayurveda Doctors

परिणाम-उन्मुखी चिकित्सा
(Result-oriented Treatment)


आशा है इस लेखमाला के द्वारा मिलने वाले ज्ञान-विज्ञान से आपको चिकित्सा में सहायता अवश्य मिलेगी ।

आपका ही,
डाॅ.वसिष्ठ

ELEVA Tablet
The effective antidepressant
उदासी दूर कर, मनोबल बढ़ाती है!


गत अनेकों शताब्दियों में हुई ऐतिहासिक ग़लतियों का एक नैगेटिव प्रभाव यह हुआ कि हज़ारों वर्षों के लम्बे समय में परीक्षा की कसौटी पर खरा उतरने वाला यह अद्भुत जीवन विज्ञान - आयुर्वेद - अपने ही देश में मुख्य धारा से पिछड़ कर वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति (Alternative system of medicine) बन कर रह गया। 

आज समय ने फिर से करवट ली है। कई कारणों से आज हम आयुर्वेद चिकित्सकों व वैज्ञानिकों के सामने एक अवसर पैदा हुआ है, जब हम आयुर्वेद के सिद्धांतों का वर्तमान समय की ज़रूरतों के अनुसार प्रयोग करते हुए, इसे एक बार पुनः इसका खोया हुआ स्थान वापस दिलवा सकते हैं।

यह काम इसलिए ज़रूरी है कि आज भी आयुर्वेद दुनिया को ऐसा बहुत कुछ दे सकता है जिससे कि विश्व को बेहतर स्वास्थ्य दिया जा सके।

यह काम कठिन तो हो सकता है परंतु असम्भव नहीं है। यहाँ मैं कुछ सुझाव दे रहा हूँ जिन पर यदि आप अमल करेंगे तो निश्चित रूप से यह काम कुछ आसान हो सकता है - 

1. अपनी सोच पाज़िटिव रखें:
आयुर्वेद के विरुद्ध प्रचार करने वालों की नैगेटिव बातों पर ध्यान न दें। प्रायः आयुर्वेद के विरुद्ध वे लोग बोलते हैं जिन्होंने आयुर्वेद के सिद्धांतों व चिकित्सा का सही ढंग से उपयोग करके इनकी परीक्षा ही नहीं की होती। सच तो यह है कि ऐसे लोगों को आयुर्वेद के विरुद्ध बोलने का अधिकार ही नहीं होता। क्योंकि, आचार्य चरक स्पष्ट कहते हैं - परीक्ष्यकारिणो हि कुशल भवन्ति, अर्थात् केवल परीक्षा करने वाला ही कुशल (Expert) होता है।  

PILIE Tablet
The effective remedy in piles
अर्श रोग में जब कुछ भी काम न करे व शल्यक्रिया अवश्यंभावी लगे, तो पाइली टैब्लेट को चिकित्सा का एक अवसर अवश्य दें। हो सकता है आपको ऐसा परिणाम मिले जिसकी आपने कल्पना न की हो!


2. वैज्ञानिक सोच रखें:
आयुर्वेद एक विज्ञान (शास्त्र) है व विज्ञान में चर्चा (Discussion) करने व समय-समय पर उस में सुधार करते हुए उसे समय के अनुरूप बनाना अनिवार्य है। समय के अनुसार बदलने से ही विज्ञान की उपयोगिता बनी रहती है। जब विज्ञान समय के अनुसार बदलना बन्द कर देता है तो वह धर्म (Religion) बन जाता है - जो कुछ और नहीं बल्कि अतीत के मृत सिद्धांतों का पुलिन्दा मात्र होता है। ऐसे मृत सिद्धांतों से वर्तमान समय में आने वाली समस्याओं का समाधान निकालने का (मिथ्या) प्रयास करना हास्यास्पद नहीं तो और क्या है। क्योंकि, आयुर्वेद एक विज्ञान है, अतः इसमें दिए ज्ञान-विज्ञान पर खुले मन से चर्चा व आवश्यक सुधार अवश्य करें।

ANTIVIR Tablet
Effective in viral infections
किसी भी प्रकार का वायरल इंफेक्शन होने पर एण्टीविर टैब्लेट का अकेले ही उपयोग करें व परिणाम देखें। हाँ, सहायक चिकित्सा दे सकते हैं!


3. मुख्यधारा के चिकित्सक की तरह व्यवहार करें:
निम्न कथन आयुर्वेद को मुख्यधारा से दूर ले जाते हैं, अतः इनका प्रयोग न करते हुए, मुख्यधारा की चिकित्सा पद्धति के एक जिम्मेदार चिकित्सक की भाँति व्यवहार करें -


  • आयुर्वेद चिकित्सा धीरे-धीरे काम करती है । सच तो यह है कि आयुर्वेद चिकित्सा तेज़ी से भी काम करती है।
  • आयुर्वेद चिकित्सा केवल जीर्ण रोगों  (Chronic diseases) में ही काम करती है । सच तो यह है कि आयुर्वेद चिकित्सा नवीन रोगों (Acute diseases) में भी काम करती है ।
  • आयुर्वेद चिकित्सा केवल मृदु (Mild) रोगों में ही काम करती है । सच तो यह है कि आयुर्वेद चिकित्सा दारुण (Severe) रोगों में भी काम करती है ।
  • आयुर्वेद की औषधियों के कुप्रभाव (Adverse effects) बिल्कुल नहीं होते। सच तो यह है कि आयुर्वेद की कुछ औषधियों के कुप्रभाव होते हैं ।
  • पथ्यापथ्य का 100% पालन करने पर ही आयुर्वेद की चिकित्सा लाभ करती है, अन्यथा नहीं । सच तो यह है कि अधिकांश परिस्थितियों में इतने कड़े परहेज़ की आवश्यकता नहीं होती ।
  • आयुर्वेद की चिकित्सा सस्ती है व ग़रीबों के लिए ही है । सच तो यह है कि आयुर्वेद चिकित्सा सस्ती भी है और मंहगी भी, तथा अमीर-ग़रीब सभी आयुर्वेद चिकित्सा लेते हैं ।
  • आयुर्वेद की चिकित्सा गांवों में अधिक प्रचलित है। सच तो यह है कि आयुर्वेद चिकित्सा शहरों में भी उतनी ही प्रचलित है ।
  • आयुर्वेद की चिकित्सा से सभी रोग जड़-मूल से ठीक हो जाते हैं। सच तो यह है कि आयुर्वेद तो क्या संसार की किसी भी चिकित्सा पद्धति में इतनी क्षमता नहीं कि सभी रोगों को जमूरे से नष्ट कर सके ।

ENTRID Tablet
Cures acute / chronic diarrhea and dysentery
नए तथा पुराने अतिसार, प्रवाहिका, ग्रहणी को अकेले ठीक करने की क्षमता रखने वाला प्रभावशाली औषध-योग ! 


4. प्रतियोगी चिकित्सकों के बारे में सम्मानजनक ही बोलें:
प्रतियोगिता कितनी भी कड़ी क्यों न हो, प्रतियोगी चिकित्सकों के बारे में अपनी भाषा व भावभंगिमा सम्मानजनक ही रखें व उनके विरुद्ध भूल से भी अपशब्द न कहें। 

DOLID Tablet
Effective pain-killer of ayurveda
10 मिनट में इसका प्रभाव शुरु होता है व 1 घंटे में 60 से 90% दर्द कम करती है! 


5. आयुर्वेद के अन्य चिकित्सकों से अपने चिकित्सकीय अनुभव अवश्य शेयर करें:
आयुर्वेद के दूसरे चिकित्सकों से अनुभव बांटने से न केवल उन्हें लाभ होगा, अपितु उनसे कई प्रकार के सुझाव मिलने व ज्ञान का आदान-प्रदान होने से आपको भी लाभ होगा।

NUBON Tablet
Promotes new bone formation in fracture
नई अस्थि के निर्माण की आवश्यकता फ्रैक्चर व ओस्टिओपोरोसिस में पड़ती है । इनमें न्युबोन टैब्लेट नई अस्थि बनाती है ।


क्र्मशः


डाॅ.वसिष्ठ
Dr. Sunil Vasishth
M. + 91-9419205439
Email : drvasishthsunil@gmail.com
Website : www.drvasishths.com

No comments:

Post a Comment