Coleus forskohlii
परिचय (Introduction)
आचार्य चरक (च.चि.12:29-31) ने गण्डीर को गण्डीराद्यरिष्ट के अन्तर्गत वर्णित करते हुए इसे शोथ चिकित्सा में उपयोगी कहा।
फिर यह संदिग्ध हो गया व बाद के आचार्यों ने लगभग दो सहस्र वर्षों तक इस पर चुप्पी ही साध ली।
वर्तमान
शताब्दी के आरम्भिक वर्षों में, दि आयुर्वैदिक फार्माकोपिया आॅफ इंडिया
(The Ayurvedic Pharmacopoeia of India, API: Vol 5, p.33) के माध्यम से
इसे संदिग्धता की परिधि से कुछ बाहर निकालते हुए, इसे कोलियस फोर्स्कोलाई
(Coleus forskohlii) बाॅटैनिकल नाम दे कर, तथा इसमें निम्न गुण-कर्म-प्रयोग
बताते हुए इसे नए सिरे से विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास किया
गया -
द्रव्य-गुण-कर्म-प्रयोग
गण्डीर
एक सदाबहार, सुगन्धित क्षुप है जो भारत में गुजरात, महाराष्ट्र, आन्ध्र
प्रदेश, तेलंगाना, व बिहार जैसे उप-उष्ण-कटिबन्धीय (Sub-tropical)
क्षेत्रों में बहुतायत से पाया जाता है । हिन्दी व गुजराती में इसे गरमर व
गरमल तथा तेलुगु में जीवकामु नामों से पुकारा जाता है। इस में निम्न
गुण-कर्म पाए जाते हैं -
प्रयोज्य अंग: मूल
रस: कटु, तिक्त, कषाय
गुण: रूक्ष, सर, तीक्ष्ण
वीर्य: उष्ण
विपाक: कटु
कर्म: कफहर, वातहर, त्रिदोषहर, व्रणशोधन, विदाही
प्रयोग: शूल, अर्श, शोथ, गुल्म, कास, कृमि, कुष्ठ, दुष्ट-व्रण, हुतविष, मन्दाग्नि, मूत्रबन्ध, मलबन्ध, उदररोग, प्लीहोदर।
चूर्ण-मात्रा: 3-5 ग्राम
Pharmacology & Therapeutics
सौभाग्यवश,
विश्व के कई भागों में गण्डीर (Coleus forskohlii) पर गहन शोध से इसमें
अनेकों चिकित्सोपयोगी कर्म (Therapeutically useful actions) पाए गए हैं,
जिसका श्रेय इस में विद्यमान मुख्य कार्यकारी तत्व फोर्स्कोलिन (Forskolin)
को जाता है।
ऐसा देखा
गया है कि फोर्स्कोलिन (Forskolin) कोषाणु (Cell) के भीतर विद्यमान
एॅडिनाइलेट सायक्लेज़ (Adenylate cyclase) नामक पाचक तत्व (Enzyme) को
क्रियाशील (Activate) करके सायक्लिक एॅडिनोसीन माॅनोफास्फेट (Cyclic
adenosine monophosphate - cAMP) नामक शक्तिवाहक यौगिक (Compound) की
उत्पत्ति को बढ़ावा देता है।
सायक्लिक
एॅडिनोसीन माॅनोफास्फेट (cAMP) पुनः कोषाणु के भीतर चलने वाले
धात्वाग्नि-पाक (Metabolism) में संलग्न विभिन्न प्रकार के पाचक तत्वों
(Enzymes) को उत्तेजित करते हुए विभिन्न कोषाणुओं (Cells / tissues /
धातुओं) के कार्यों में निम्न रूप से वृद्धि करता है -
Heart failure (हृद्दौर्बल्य)
गण्डीर
तिक्त-रस, वातहर, त्रिदोषहर, शोथहर, कासहर, मूत्रबन्धहर, व उदररोगहर है जो
इसके हृद्बल्य (Cardiotonic / Positive inotropic) होने का आभास देते हैं।
लैबिडिन्स्की
व अन्यों ने पाया है कि फाॅर्स्कोलिन (Forskolin) हृदय पर हृद्य
(Cardiotonic) प्रभाव डालते हुए हृदय की आकुञ्चन-शक्ति (Force of
contraction) को बढ़ाने (Positive inotropic) का कार्य करता है। साथ ही यह
रक्तवाहिनियों पर विस्फारक (Vasodilator) प्रभाव डालते हुए वृद्ध रक्तचाप /
व्यान-बल (High blood pressure) को कम करने (Antihypertensive) का कार्य
करता है। - Lebedinsky et al, J. Cardiovasc. Pharmacol. 19(5), 779-89,
1992.
गण्डीर (Coleus
forskohlii) के उपरोक्त गुण-कर्मों के आधार पर हमने इसका समावेश हृदय को बल
देने वाली कार्डीटोन्ज़ (Carditonz) टैब्लेट में किया है, जिसका उपयोग
हृद्दौर्बल्य (Heart failure) की चिकित्सा में किया जाता है। कार्डीटोन्ज़
(Carditonz) टैब्लेट के अन्य घटक हैं - वनपलाण्डु, अर्जुन, अकीक, व
ज़हरमोहरा।
CARDITONZ Tablet
The effective cardiac tonic
Bronchial asthma (तमक-श्वासरोग)
गण्डीर
कटु-तिक्त-कषाय रस, सर व तीक्ष्ण गुण, उष्ण-वीर्य, कफहर, वातहर,
त्रिदोषहर, कासहर है, जो इसके प्राणवह-स्रोतस् पर प्रभावशाली होने का आभास
देता है।
क्रायटनर व
अन्यों ने पाया कि फाॅर्स्कोलिन (Forskolin) हिस्टामीन-विमुञ्चन (Histamine
release) को अवरुध्द करता है व श्वासप्रणलिका-विस्फारण (Bronchodilation)
करता है - Kreutner W. et al, Eur. J. Pharmacol. 111 (1):1-8, 1985.
गण्डीर
(Coleus forskohlii) के उपरोक्त गुण-कर्मों के आधार पर हमने इसका समावेश
प्राणवह-स्रोतस् पर कार्य करने वाली एॅस्थैक्स (Asthex) टैब्लेट में किया
है, जिसका उपयोग तमक-श्वासरोग (Bronchial asthma) की चिकित्सा में किया
जाता है। एॅस्थैक्स (Asthex) टैब्लेट के अन्य घटक हैं - अन्तमूल, दुग्धिका,
व अर्क।
ASTHEX Tablet
The reliable anti-asthmatic
Mental depression (मनो-अवसाद)
गण्डीर के तीक्ष्ण, उष्ण, कफहर, वातहर, त्रिदोषहर इत्यादि होने से इसके मन व मनोवह-स्रोतस् पर कार्य करने का आभास होता है।
मायडा व अन्यों ने पाया है कि फाॅर्स्कोलिन (Forskolin) चूहों की तैरने की क्रिया को मनो-अवसादहर (Antidepressant)
एॅमीट्रिप्टीलीन
के सदृश बढ़ाता है, जो इसके भी मनो-अवसादहर (Antidepressant) होने का आभास
देता है - Maeda N. et al, Br. J. Pharmacol. 117(2): 372-76, 1996.
एक
अन्य शोध में ओज़ावा व अन्यों ने पाया है कि फाॅर्स्कोलिन (Forskolin) की
मनो-अवसादहर (Antidepressant) क्रिया एॅमीट्रिप्टीलीन से अधिक है - Ozawa,
H., et al, Biol. Psychiatry 42, 2355, 1997.
गण्डीर
(Coleus forskohlii) के उपरोक्त मनो-अवसादहर (Antidepressant) क्रिया के
आधार पर हमने इसका समावेश मनोबल्य एॅलिवा (Eleva) टैब्लेट में किया है,
जिसका उपयोग मनो-अवसाद (Mental depression) की चिकित्सा में किया जाता है।
एॅलिवा (Eleva) टैब्लेट के अन्य घटक हैं - ज्योतिष्मती, अकरकरा व वचा।
ELEVA Tablet
The effective anti-depressant
Hypo-thyroidism (समानवात-क्षय)
गण्डीर
के कटु, तिक्त, कषाय, रूक्ष, सर, तीक्ष्ण, उष्ण, कफहर, वातहर, त्रिदोषहर,
अग्निदीपन इत्यादि गुण-कर्मों से इसके समान-वात-उत्तेजक (Thyro-stimulant)
होने का आभास होता है।
साॅनियर
व अन्यों ने पाया कि फाॅर्स्कोलिन (Forskolin) ग्वानीन न्युक्लियोटायड
बाईंडिंग प्रोटीन्स (Guanine nucleotide binding proteins) की मात्रा को
बढ़ा कर थायराॅयड हार्मोंस (T3, T4) की उत्पत्ति (Production) व विमुञ्चन
(Release) में वृद्धि करता है व बढ़े टी.एॅस.एॅच. (TSH) को कम करता है -
Saunier, B., et al, Biol. Chem. 11-15; 265(32): 19942-46, 1990.
गण्डीर
(Coleus forskohlii) के उपरोक्त समानवात-उतेजक (Thyro-stimulant) क्रिया
के आधार पर हमने इसका समावेश मनोबल्य थायरिन (Thyrin) टैब्लेट में किया है,
जिसका उपयोग समानवात-क्षय (Hypo-thyroidism) की चिकित्सा में किया जाता
है। थायरिन (Thyrin) टैब्लेट के अन्य घटक हैं - गुग्गुलु, ब्राह्मी,
पिप्पली, व रक्त-मरिच ।
THYRIN Tablet
The effective thyro-stimulant
निष्कर्ष (Conclusion)
गण्डीर (Coleus forskohlii) बहु-कार्य (Multiple action) वाली एक महत्वपूर्ण औषधि है जिसका निम्न रोगों में उपयोग किया जा सकता है -
1. हृद्दौर्बल्य - Heart failure
(CARDITONZ tablet)
2. तमक-श्वासरोग - Bronchial asthma
(ASTHEX tablet)
3. मनो-अवसाद - Mental depression
(ELEVA tablet)
4. समान-वात-क्षय - Hypothyroidism
(THYRIN tablet)
डाॅ.वसिष्ठ
Dr. Sunil Vasishth
M. + 91-9419205439
Email : drvasishthsunil@gmail.com
Website : www.drvasishths.com
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