Wednesday, December 30, 2020

AYURVEDIC MANAGEMENT OF ALLERGIC BRONCHITIS & ASTHMA

 Dr.Vasishth's
Ayurvedic Management of Allergic Bronchitis & Asthma
असात्म्यता-जन्य कास व श्वास का आयुर्वैदिक उपचार

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Dr. Brijbala Vasishth MD (Ay-Kayachikitsa)
Dr. Sunil Vasishth MD (Ay-Kayachikitsa), PhD (Hridroga)

कास (Bronchitis) व श्वास (Asthma) यद्यपि अनेकों कारणों से हो सकते हैं, तथापि असात्म्यता/अनूर्जता (Allergy) इन रोगों का एक मुख्य कारण है।  असात्म्यता-जन्य कास व श्वास (Allergic Bronchitis & Asthma) होने पर निम्न रीति से चिकित्सा की जा सकती है - 

I. असात्म्यताहर (Anti-allergic) औषधियों का प्रयोग करें:
असात्म्यता (Allergy) में मूलभूत विकृति (Underlying pathology) ओजस् (Immunity) का विस्रंस होता है। ऐसी स्थिति में, जब कोई हानिरहित वस्तु के शरीर में प्रवेश करती / सम्पर्क में आती है, तो ओजोवर्गीय भाव / वस्तुएँ (Immune cells) उसे हानिकारक मानते हुए, उस हानिरहित वस्तु को नष्ट करने के लिए, तीनों दोषों को अतिक्रियाशील / प्रकुपित (Hyperctive) कर देती है। इससे देह में अनेकों प्राकृत क्रियाओं की वृद्धि व विकृत क्रियाओं की उत्पत्ति हो कर, शरीर के धातुओं में विकृति होती है।  ऐसे में ओजस् के विस्रंस को दूर करने वाली औषधियों का प्रयोग करना चाहिए।  इन्हीं औषधियों को असात्म्यताहर (Anti-allergic) औषधियाँ कहते हैं।  मुख्य असात्म्यताहर औषधियाँ हैं - 

• शटी, मधुयष्टी, ज़हरमोहरा, यशद (Lergex - लर्जैक्स टैबलॅट);
• शटी (Shati ext tab 600 mg, शट्यादि चूर्ण);
• मधुयष्टी (Madhuyashti ext tab 600 mg, यष्ट्यादि चूर्ण);
• हरिद्रा (Haridra ext tab 600 mg, हरिद्रा खण्ड);
• शिरीष (Shirish ext tab 600 mg, शिरीष क्वाथ);
• दुग्धिका (Dugdhika ext tab 600 mg)

II. श्वासनलिका-विस्फारक (Broncho-dilator) औषधियों का प्रयोग करें:
श्वासकष्ट (Dyspnea) होने पर श्वासनलिकाओं को विस्फारित करने वाली औषधियों का प्रयोग करना आवश्यक होता है, जिससे कि रोगी सरलता से श्वास ले सके। इसके लिए निम्न औषधियों व औषध-योगों का उपयोग किया जा सकता है - 

• अन्तमूल, दुग्धिका, अर्क, गण्डीर (Asthex - एॅस्थैक्स टैबलॅट);
• अन्तमूल (Antamul ext tab 600 mg);
• दुग्धिका (Dugdhika ext tab 600 mg);
• पुष्करमूल (Pushkarmula ext tab 600 mg);
• शटी (Shati ext tab 600 mg, शट्यादि चूर्ण);
• वासा (Vasa ext tab 600 mg, वासावलेह);
• भारंगी (Bharangi ext tab 600 mg, भारंग्यादि क्वाथ);
• कुष्ठ (Kushtha ext tab 600 mg); 
• धत्तूरा (कनकासव)

III. आमविषहर (Immuno-modulator) औषधियों का प्रयोग करें:
असात्म्यता (Allergy) में मूलभूत विकृति (Underlying pathology) ओजस् (Immunity) का विस्रंस होता है। ऐसी स्थिति में, दीर्घकालिक लाभ के लिए, ओजस् को साम्यावस्था में लाने के लिए आमविषहर व ओजःसाम्यक् (Immuno-modulator) औषधियों का प्रयोग आवश्यक होता है। मुख्य आमविषहर व ओजःसाम्यक् (Immuno-modulator) औषधियाँ हैं - 
• अश्वगन्धा, गुडूची, तुलसी, पिप्पली, यशद (Imunie - इम्यूनी टैबलॅट);
• भल्लातक, गुग्गुलु, चित्रक (Revplaq - रिवप्लाॅक टैबलॅट);
• भूम्यामलकी (Phylocil - फ़ाइलोसिल टैबलॅट / Livie - लिवी टैब्लॅट);
• अश्वगन्धा (Ashwagandha ext tab 600 mg, अश्वगन्धादि चूर्ण);
• गुडूची (Guduchi  ext tab 600 mg, संशमनी वटी); 
• तुलसी (Tulasi ext tab 600 mg); 
• कटुकी (Katuki (Tab 600 mg, आरोग्यवर्धिनी);
• हरीतकी (Haritaki ext tab 600 mg);
• शुण्ठी (Shunthi ext tab 600 mg, शुण्ठ्यादि चूर्ण);
• मधुयष्टी (Madhuyashti ext tab 600 mg, यष्ट्यादि चूर्ण);
• ताम्र (भस्म);
• मल्ल (शुद्ध, समीरपन्नग रस, मल्लसिन्दूर);
• मनःशिला (श्वासकुठार रस)

IV. कफनिस्सारक (Expectorant) औषधियों का प्रयोग करें:
असात्म्यज कास (Allergic bronchitis) व श्वास (Allergic asthma) होने पर श्वासनलिकाओं में मल-कफ/ष्ठीवन (Mucus) की उत्पत्ति बढ़ जाती है, जिसे पतला करके निकालने की आवश्यकता होती है। इसके लिए निम्न कफ/ष्ठीवन-निस्सारक औषधियों का उपयोग किया जा सकता है -

• मधुयष्टी (Madhuyashti ext tab 600 mg, यष्ट्यादि चूर्ण);
• वासा (Vasa ext tab 600 mg, वासावलेह);
• कण्टकारी (Kantakari ext tab 600 mg, कण्टकार्यावलेह, व्याघ्रीहरीतकी);
• हरिद्रा (Haridra ext tab 600 mg, हरिद्रा खण्ड);
• गोजिह्वा (Gojihva ext tab 600 mg, अर्क गोजिह्वा); 
• तालीसपत्र (Talispatra ext tab 600 mg, तालीशादि चूर्ण); 
• श्लेष्मातक (लऊक सपिस्ताँ);
• बनफ़्शा (बनफ़्शादि क्वाथ);
• टंकण (भस्म);
• जूफा (क्वाथ)

V. शोथहर (Anti-inflammatory) औषधियों का प्रयोग करें:
असात्म्यज कास (Allergic bronchitis) व श्वास (Allergic asthma) होने पर श्वासनलिकाओं की अन्तःकला (Mucous membrane) में शोथ (Inflammation) एक प्रधान विकृति होती है, जिसे कम करना आवश्यक होता है। इसके लिए निम्न शोथहर (Anti-inflammatory) औषधियों का प्रयोग किया जा सकता है -

• शल्लकी, एरण्डमूल, जातीफल (Loswel - लोस्वैल टैब्लॅट);
• शल्लकी (Shallaki ext tab 600 mg); 
• गुग्गुलु, भल्लातक, चित्रक (Revplaq - रिवप्लाॅक टैबलॅट);
• अश्वगन्धा (Ashwagandha ext tab 600 mg, अश्वगन्धादि चूर्ण);
• हरिद्रा (Haridra ext tab 600 mg, हरिद्रा खण्ड);
• शुण्ठी (Shunthi ext tab 600 mg, शुण्ठ्यादि चूर्ण);
• कर्चूर (Karchura ext tab 600 mg);
• रास्ना (Rasna ext tab 600 mg, रास्ना-सप्तक क्वाथ-घन टैब्लॅट 600 mg);
• दशमूल (दशमूल क्वाथ-घन टैब्लॅट 600 mg)

VI.  प्राणवह-स्रोतो-बल्य (Pulmonary tonics) औषधियों का प्रयोग करें:
असात्म्यज कास (Allergic bronchitis) व श्वास (Allergic asthma) होने का एक महत्वपूर्ण कारण प्राणवह-स्रोतस् में वैगुण्यता (स्रोतो-वैगुण्य / ख वैगुण्य -Poor pulmonary immunity) रहता है। दीर्घकालिक लाभ के लिए प्राणवह-स्रोतस् को बल देने वाली रसायन औषधियों का प्रयोग करना श्रेयस्कर रहता है।  इसके मुख्य रसायन औषधियाँ हैं - 

• शिलाजतु, आमलकी, अभ्रक, मुक्ताशुक्ति, स्वर्णमाक्षिक, यशद (Minovit - मिनोविट टैब्लॅट);
• अश्वगन्धा (Ashwagandha ext tab 600 mg, अश्वगन्धादि चूर्ण);
• सुवर्ण (भस्म, सुवर्ण-वसन्तमालती रस);
• तुलसी (Tulasi ext tab 600 mg);
• द्राक्षा (अवलेह / आसव)

नोट: अधिक जानकारी के लिए लिंक क्लिक करें व यूट्यूब विडियो देखें - 
https://youtu.be/33MZm-_8_O8

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Dr.Vasishth's Ayuremedies
डाॅ.वसिष्ठस् आयुरैमॅडीज़
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